तेनाली राम की कहानियां-कुएं का धन-Tenali Raman Hindi Stories
एक बार विजय नगर में अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण नगर के सभी बाग बगीचे सूख गए।नदियों और तालाबों के पानी का स्तर भी घट गया। तेनाली राम के घर के पीछे एक बड़ा बाग था क्योंकि बाग के कुएं का पानी बहुत नीचे चला गया था।पानी इतना नीचे चला गया था कि दो बाल्टी खींचने में भी बड़ी कठिनाई होती थी।तेनाली राम को बाग सूखने की चिंता सताने लगी। एक शाम तेनाली राम अपने बेटे के साथ बाग का मुआयना कर रहे थे तभी उनकी नजर सड़क के उस पार खड़े तीन चार लोगों पर पड़ी, जो उसके मकान की तरफ ही देख रहे थे और एक दूसरे से इशारों में कुछ कह रहे थे। तेनाली राम को समझते देर ना लगी कि ये सब चोर है और मेरे घर में सेंध लगाने के उद्देश्य से एकत्रित हुवे हैं। तेनाली राम के दिमाग मे बाग की सिंचाई कराने का एक उपाय सूझा। उसने ऊंची आवाज में अपने बेटे से कहा " बेटे ! आजकल चोर डाकू बहुत घूम रहे हैं।गहनों और अशर्फियों को घर मे रखना ठीक नहीं -आओ और उस संदूक को उठाकर इस कुएं में डाल दे ताकि कोई चोर चुरा ना सके।किसी को पता नहीं चलेगा कि तेनाली राम का सारा धन इस कुएं में पड़ा हैं। यह बात तेनाली राम ने इतने जोर से कही कि दूर खड़े च...