भुलग्या- राजस्थानी कविता | Marwadi - Rajasthani Poem
भूलग्या- राजस्थानी भाषा की कविता जो बीते जमाने की याद दिलाती है,ये कविता अहसास दिलाती हैं कि आगे बढ़ने की दौड़ मे हम क्या पीछे छोड़ आये हैं। ये कविता हमें एक Whatsapp Group से प्राप्त हुई लेखक का नाम पता नहीं हैं ,अगर आपको इस कविता के लेखक के बारें में जानकारी हो तो कमेंट बॉक्स में टिप्पणी करें। भुलग्या- राजस्थानी कविता | Forget Everything -Rajasthani Poem कंप्यूटर रो आयो जमानो कलम चलाणीं भूलग्या, मोबाईल में नंबर रेग्या लोग ठिकाणां भूलग्या। धोती पगडी पाग भूलग्या मूंछ्यां ऊपर ताव भूलग्या, शहर आयकर गांव भूलग्या बडेरां रा नांव भूलग्या । हेलो केवे हाथ मिलावे रामासामा भूलग्या, गधा राग में गावणं लाग्या सा रे गा मा भूलग्या । बोतल ल्याणीं याद रेयगी दाणां ल्याणां भूलग्या, होटलां रो चस्को लाग्यो घर रा खाणां भूलग्या । बे टिचकारा भूलगी ऐ खंखारा भूलग्या , लुगायां पर रोब जमाणां मरद बिचारा भूलग्या । जवानी रा जोश मांयनें बुढापा नें भूलग्या , हम दो हमारे दो मा बापां ने भूलग्या । संस्क्रति नें भूलग्या खुद री भाषा भूलग्या, लोकगीतां री राग...