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आदमी की औकात-कविता

Whats app पर किसी सज्जन ने एक ग्रुप में भेजी थी,कविता अच्छी लगी पर इसके मूल लेखक का पता नहीं चल पाया हैं . अज्ञात लेखक की कविता में वैराग्य झलकता हैं,जीवन की क्षण भंगुरता और देह की नश्वरता को इंगित करती कविता हैं - आदमी की औकात .  एक माचिस की तिल्ली,  एक घी का लोटा, लकड़ियों के ढेर पे,  कुछ घण्टे में राख..... बस इतनी-सी है  आदमी की औकात !!!! एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया ,  अपनी सारी ज़िन्दगी , परिवार के नाम कर गया, कहीं रोने की सुगबुगाहट , तो कहीं फुसफुसाहट .... अरे जल्दी ले जाओ  कौन रखेगा सारी रात... बस इतनी-सी है  आदमी की औकात!!!! मरने के बाद नीचे देखा , नज़ारे नज़र आ रहे थे, मेरी मौत पे ..... कुछ लोग ज़बरदस्त,  तो कुछ ज़बरदस्ती  रो रहे थे।  नहीं रहा.. ........चला गया... चार दिन करेंगे बात......... बस इतनी-सी है  आदमी की औकात!!!!! बेटा अच्छी तस्वीर बनवायेगा, सामने अगरबत्ती जलायेगा , खुश्बुदार फूलों की माला होगी... अखबार में अश्रुपूरित श्रद्धांजली होगी......... बाद में ...

माटी का दीया पर हिंदी कविता - Hindi Poems on Diwali

You Are Reading : Hindi Poems On Diwali-माटी का दीया  दीपावली का पर्व आ रहा हैं और दीपोत्सव के बिना इसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती हैं और दीपोत्सव के लिए जिसकी जरूरत हैं वो हैं दीया वो भी माटी का दीया . जो रौशनी और झिलमिलाहट का आनंद मिट्टी के दिए और तेल की बाती से मिलता हैं वो कृत्रिम दीयों में नहीं मिलता. आज की हमारी पोस्ट इसी विषय पर आधारित हैं . Other Hindi Poems Available On This Blog: Hindi poems for kids Hindi poems on love Hindi poems video Hindi poems short Hindi poems about nature Hindi poems best Hindi poems for children Hindi poems patriotic Hindi poems sad Hindi poems romantic Hindi poems download Best In Hindi के पाठकों के लियें इस बार हम लेकर आये हैं मिट्टी के दीये की कहानी कवियों की जुबानी. कई कविताओं में दीया और कई में दिया लिखा गया हैं ,पर हमने उन्हें मूल स्वरूप में यथावत रखा हैं . ज्यादातर कवितायेँ हिंदी ब्लोग्गेर्स की हैं और कविता के साथ उनका नाम और ब्लॉग का लिंक दिया हैं .फिर भी अगर आपको अपनी कविता के Best In Hindi पर प्रकाशन से एत...

कवि गंग रचनावली-Kavi Gang Rachanawali

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Best In Hindi पर इस पोस्ट में हम आपके लिए लायें हैं कवि गंग या गंग कवि अंग्रेजी में Kavi Gang के नाम से विख्यात अकबर के दरबारी गंगाधर की कवितायेँ और दोहे । इन दोहों का संकलन इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों,पुस्तकों और व्यक्तियों से किया गया हैं । हमारा उद्देश्य कवि गंग के बारें में उत्कृष्ट और तथ्यपरक जानकारी देना हैं । कवि गंग का पूरा नाम गंगाधर था, इनका जीवन काल 1538 से 1625 तक माना जाता हैं। इनके जन्म स्थान को लेकर ये मत हैं कि कवि गंग का उत्तरप्रदेश के इटावा जिले के एकनार गाँव के निवासी थे। इनकी जाति ब्राहमण या ब्रहमभट्ट मानी गयी हैं । Kavi Gang  अकबर के साथ साथ कवि गंग की बीरबल ,रहीम,मानसिंह  और टोडरमल से अच्छी मित्रता थी । बादशाह अकबर उन्हें एक वाक्य देते थे जिस पर कवि गंग अपनी रचना प्रस्तुत करते थे ,जिसमें कई बार अकबर का उपहास उड़ाते थे । बताया जाता हैं कि कवि गंग की स्पष्टवादिता के कारण अकबर के बेटे मुगल बादशाह जहाँगीर ने हाथी से कुचलवा कर उन्हें मौत के घाट उतरवा दिया था । कवि गंग ने मरते समय कायर जहाँगीर जो अपनी बेगम नूरजंहा को गद्दी सौंपकर अय्याशी और अत्याचार में ड...