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भारतीय दंड संहिता की धाराएं-IPC 1860 In Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860-Indian Penal Code 1860 की जानकारी  भारतीय दंड संहिता 1860 को 6 अक्टूबर  1860 को (1860 का अधिनियम सं. 45) के नाम से ब्रिटिश राज में जारी किया गया था . भारतीय दंड संहिता या Indian Panel Code में कुल इसमें कुल 511 धाराएँ (sections) हैं जो कि कुल 23 अध्यायों में विभाजित है. ब्रिटिश राज में भारत देश के लिए एक साधारण दंड संहिता की आवश्यकता के लिए और अपराधियों को दण्डित करने के लिए इसका निर्माण किया गया था .  भारतीय दंड संहिता जम्मू और कश्मीर राज्य तथा भारतीय सेना पर लागू नहीं होती हैं,इनको छोडकर सम्पूर्ण भारत देश में ये प्रभावी हैं .भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन 1962 में लागू हुई थी इसके बाद भारत के स्वतन्त्र होने पर इसमें  समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं .पाकिस्तान,श्रीलंका और बांग्लादेश ने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया. लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों में भी लागू की गयी थी. हमने इन्हें अलग अलग पोस्टों में लिखा हैं ताकि विधार्थियों के लिए इन्हें समझने में आसानी रहें . नीचे दिए लिंकों के मा...

भारतीय दंड संहिता की धाराएं 1 से 5 तक-IPC 1860 Section In Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860-Indian Penal Code 1860 भारतीय दंड संहिता की धारा 1 से धारा 5 में भारतीय दंड संहिता 1860 की प्रारंभिक प्रस्तावना और उद्धेश्यों के बारें में वर्णन किया गया हैं . साथ ही भारत के किसी नागरिक द्वारा भारत के अंदर या भारत से बाहर किसी अन्य देश या स्थान पर अपराध करने या कंप्यूटर साधन के माध्यम से अपराध करना शामिल हैं . भारतीय दंड संहिता की धाराएं ,धारा 1 से 5 तक- Indian Panel Code Section 1 To 5 Hindi अध्याय 1 - प्रस्तावना 1.संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार 2. भारत के भीतर किये गये अपराधों का दंड 3.भारत से परे किये गए परन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दंड 4.राज्यक्षेत्रातीय अपराधों पर संहिता का विस्तार 5.कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना धारा-1- संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन  का विस्तार - ये  अधिनियम भारतीय दंड संहिता कहलायेगा  और इसका विस्तार  [जम्म-ूकश्मीर राज्य के सिवाय ] सम्पूर्ण  भारत पर होगा . धारा-2- भारत के भीतर किये गये अपराधों का दंड - हर व्यक्ति इस संहिता के उपबंधो...