कामसूत्र, जिसे भारतीय साहित्य का एक क्लासिक ग्रंथ माना जाता है, वात्स्यायन द्वारा लिखित था। यह ग्रंथ लगभग 400 ईसवी के आसपास लिखा गया था और यह प्रेम, संभोग, और वैवाहिक जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करता है। कामसूत्र को आमतौर पर एक सेक्स मैनुअल के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसका दायरा कहीं अधिक व्यापक है। कामसूत्र हमें भारतीय समाज के ऐतिहासिक पहलुओं की गहरी समझ प्रदान करता है और यह दर्शाता है कि यह ग्रंथ केवल यौन शिक्षा से कहीं अधिक है। इसमें व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चिंतन किया गया है। कामसूत्र में कुल सात भाग होते हैं, जिनमें से प्रत्येक विभिन्न विषयों पर केंद्रित है: 1. कामसूत्र भाग -1 सामान्य परिचय : इस भाग में कामसूत्र के उद्देश्य, संरचना, और इसके लेखक वात्स्यायन का परिचय दिया गया है। इसमें जीवन के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं - धर्म, अर्थ, और काम की चर्चा की गई है। यहाँ पर काम को जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा माना गया है, जो मानवीय जीवन को संतुलन और संपूर्णता प्रदान करता है। 2. कामसूत्र भाग -2 संभोग की विधियां : यह ...