इस तरह गीता गोपीनाथ बनी आईएमएफ की प्रमुख अर्थशास्त्री | Success Story Of Gita Gopinath In Hindi

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Success Story Of Gita Gopinath In Hindi

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की प्रोफेसर गीता गोपीनाथ को इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है। 

गीता का यह चयन बताता है कि किसी भी किसी भी कॅरिअर में पेशेवर श्रेष्ठता कितना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। 

किसान पिता की बेटी गीता मूल रूप से केरल के कन्नूर जिले से है। देश में 1991 में जब आर्थिक संकट आया तो गीता की दिलचस्पी इस क्षेत्र में जागी।

इकोनॉमिक्स के प्रति पैशन, गीता को दिल्ली ले गया जहां उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज व दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की। उसके बाद प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद गीता ने टीचिंग का रुख किया। 

तब उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पढ़ाना शुरू किया। उसके बाद वे 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चली गई।

 अगले दो दशकों में गीता ने मैक्रोइकोनॉमिक्स और ट्रेड में अपनी विशेषज्ञता के चलते एकेडमिक्स के क्षेत्र में अपनी जगह बनाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को मजबूत इकोनॉमिक एडवाइजर के रूप में स्थापित कर लिया। 

इसके अलावा अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू, हैंडबुक ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में कोएडिटर व रिव्यू ऑफ इकोनॉमिक स्टडीज में मैनेजिंग एडिटर होने के साथ-साथ गीता ने ग्लोबल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट, प्रॉडक्टिविटी, करेंसी एक्सचेंज रेट्स समेत कई टॉपिक्स पर बखूबी लिखा है।

 भारत सरकार के साथ वे कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुकी हैं। गीता का यह कॅरिअर अनुभव यही बताता है कि बड़ी सफलताएं किसी एक दिन का परिणाम नहीं होती, बल्कि उसके पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत छिपी होती है। लगातार विषय की विशेषज्ञता पर काम करना आपको एक दिन उत्कृष्टता तक पहुंचाता है। 

जानकारी दैनिक भास्कर से साभार. 
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