प्रेरक प्रसंग- महात्मा गांधी -निर्बल को ना सताओ-Moral Stories In Hindi

महात्मा गांधी एक बार यात्रा पर निकले तब उनके अनुयायी आनंद स्वामी भी उनके साथ थे.यात्रा के दौरान आनंद स्वामी की किसी व्यक्ति के साथ बहस हो गयी. बहस ज्यादा बढ़ गयी और आनंद स्वामी ने उस व्यक्ति को  जोर से थप्पड़ मार दिया .

जब गांधी जी को ये बात पता चली तो वे आनंद स्वामी पर बहुत नाराज हुवे ,उन्हें आनंद स्वामी का इस तरह से एक आम आदमी को  थप्पड़ मारना अच्छा नहीं लगा . उन्होंने आनंद स्वामी को बुलाकर कहा कि अगर ये व्यक्ति साधारण ना होकर पद प्रतिष्ठा में आपके बराबर होता तो भी क्या आप इसे थप्पड़ मारते ?

आनंद स्वामी गांधी जी की बात का अभिप्राय समझ गए और बहुत शर्मिंदा हुवे ,गांधी जी ने उन्हें उस व्यक्ति से माफ़ी मांगने को कहा .आनंद स्वामी को अपने गांधी जी का खास शिष्य होने का घमंड था .मगर गांधी जी ने उनका अभिमान चूर कर दिया .

महात्मा गांधी के इस प्रेरक प्रसंग से  हमें ये सीख मिलती हैं कि अपने से कमजोर या लाचार पर कभी हिंसा नहीं करनी चाहिए .अगर कभी ऐसी गलती हो जाए तो माफ़ी मांग लेनी चाहिए .

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