क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का प्रेरक प्रसंग

महान क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल जी को लेकर एक वाक्या व्हाट्सएप्प पर पढ़ने को मिला।
जब काकोरी काण्ड को लेकर लखनऊ की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था।उसी कोर्ट में एक वकील ने अभियुक्तों को "मुल्जिमान" की जगह "मुलाजिम" शब्द बोल दिया।


फिर क्या था पण्डित राम प्रसाद 'बिस्मिल' जी रहे लेखक और शायर, उन्होंने तपाक से उन पर ये चुटीली फब्ती कसी.....


मुलाजिम हमको मत कहिये
बड़ा अफ़सोस होता है....
अदालत के अदब से
हम यहाँ तशरीफ लाए हैं...
पलट देते हैं हम मौजे-हवादिस
अपनी जुर्रत से.....
कि हमने आँधियों में भी
चिराग अक्सर जलाये हैं....
 वन्देमातरम्..........✍

keywords:प्रेरक प्रसंग, Hindi Motivational, Motivational Story, Inspirational In Hindi, Inspirational Incidents, Inspirational story,रामप्रसाद बिस्मिल  प्रेरक प्रसंग, 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ओ गढ़ चित्तौड़- राजस्थानी कविता | Fort Of Chittor : Rajasthani Poem

कवि गंग रचनावली-Kavi Gang Rachanawali

नाना पाटेकर डायलॉग-Nana Patekar Dialogue