17 अक्टूबर को सूर्य का तुला राशि में प्रवेश वृष, सिंह, धनु और मकर राशि के जातकों को शुभ फल देगा | Astrology In Hindi
पिता, हृदय, राज्य और ख्याति का कारक सूर्य ग्रह हर महीने राशि परिवर्तन करता है और एक राशि में 30 दिन तक रहता है। एक माह बाद जब सूर्य राशि परिवर्तन करता है तो उसे सूर्य संक्रांति कहते हैं।
इस बार 17 अक्टूबर 2018 को सूर्य कन्या राशि छोड़कर अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश करेगा। सूर्य का तुला राशि में प्रवेश करना तुला संक्रांति कहलाता है।
ज्योतिष के विद्वान कहते हैं कि तुला राशि सूर्य की नीच राशि मानी जाती है, जिस जातक की कुंडली में सूर्य तुला राशि में हो अर्थात जिसका जन्म 16 अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच हो, उसे हृदय रोग की संभावना ज्यादा रहती है, लेकिन नीच राशि सूर्य को राजयोग कारक भी माना जाता है बशर्ते कि सूर्य तुला राशि में अकेला या किसी शुभ ग्रह के साथ हो।
शनि के साथ सूर्य होने पर पितृदोष और राहू-केतु के साथ सूर्य होने पर ग्रहण दोष माना जाता है, जो कि सूर्य के शुभ प्रभाव को कम करते हैं, लेकिन इस बार तुला राशि में पहले से ही वक्री शुक्र और बुध मौजूद होने से सूर्य के शुभ प्रभाव में बढ़ोतरी होगी।
इस बार किसी भी अशुभ ग्रह की दृष्टि नीच राशि सूर्य पर नहीं है। सूर्य के तुला राशि में आने पर वृष, सिंह, धनु और मकर राशि के जातकों को एक माह तक सूर्य काफी शुभ फल देगा। उनके रुके हुए कार्य बनने लगेंगे।
आर्थिक संपन्नता आ सकती है, जिस राशि के जातकों के लिए नीच राशि सूर्य अशुभ है उन्हें सूर्य पूजा करनी चाहिए। गेहूं और गुड़ का दान करना चाहिए। सूर्य मंत्र ओम घृणी सूर्याय नमः का जाप करना चाहिए।
राशियों पर रहेगा अच्छा और बुरा प्रभाव, कइयों को मिल सकती है तरक्की तो कइयों काे करना पड़ेगा विवाद का सामना, कुछ राशि वालों को मिलेगी आर्थिक संपन्नता, सूर्य मंत्र का जप करें
मेष राशि वालों के लिए तुला राशि का सूर्य सप्तम भाव में भ्रमण करेगा। जीवन साथी से तनाव व रोजगार के लिए भी अशुभ रहेगा।
वृष राशि वालों के लिए तुला का सूर्य छठे भाव में होने के कारण शुभ फलदायी रहेगा।
मिथुन राशि वालों के लिए नीच राशि सूर्य पंचम भाव में होने के कारण परिजनों से तनाव व संतान पक्ष को कष्ट हो सकता है।
कर्क राशि वालों के लिए नीच राशि का सूर्य चतुर्थ भाव में होने से माता के लिए अशुभ रहेगा और मानसिक तनाव से परेशानी होगी, क्रोध बढ़ेगा, लेकिन सरकारी कार्यों से लाभ व व्यापार नौकरी के लिए शुभ रहेगा।
सिंह राशि वालों के लिए नीच राशि का सूर्य शुभ फलदायी रहेगा। आर्थिक लाभ मिलेगा।
कन्या राशि में नीच राशि सूर्य दूसरे भाव में होने से समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। क्रोध, हानि व तनाव बना रह सकता है। व्यर्थ खर्च व भ्रमण रहेगा।
तुला राशि में नीच राशि सूर्य लग्न में होने से क्रोध बढ़ेगा। आर्थिक स्थिति ठीक व अपनों से तनाव बढ़ सकता है।
वृश्चिक राशि में नीच राशि का सूर्य बारहवें भाव में होने से व्यर्थ के खर्च और भ्रमण से मन परेशान रहेगा। विवादों से बचें। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा।
धनु राशि वालों के लिए नीच राशि सूर्य लाभ भाव में होने से लाभ की प्रबल संभावनाएं बनी रहेंगी।
मकर राशि में नीच राशि सूर्य दशम भाव में होने से व्यापार और नौकरी में लाभ देगा। कोई पद या सम्मान मिल सकता है।
कुंभ में नीच राशि सूर्य नवम भाव में होने से पिता के लिए शुभ नहीं है। अपनों से तनाव बढ़ेगा। दांपत्य जीवन में शांति बनाए रखें।
मीन राशि में तुला राशि का सूर्य आठवें भाव में भ्रमण करेगा जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ फलदायी नहीं है। शत्रु पक्ष हानि कर सकता है।
इस बार 17 अक्टूबर 2018 को सूर्य कन्या राशि छोड़कर अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश करेगा। सूर्य का तुला राशि में प्रवेश करना तुला संक्रांति कहलाता है।
ज्योतिष के विद्वान कहते हैं कि तुला राशि सूर्य की नीच राशि मानी जाती है, जिस जातक की कुंडली में सूर्य तुला राशि में हो अर्थात जिसका जन्म 16 अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच हो, उसे हृदय रोग की संभावना ज्यादा रहती है, लेकिन नीच राशि सूर्य को राजयोग कारक भी माना जाता है बशर्ते कि सूर्य तुला राशि में अकेला या किसी शुभ ग्रह के साथ हो।
शनि के साथ सूर्य होने पर पितृदोष और राहू-केतु के साथ सूर्य होने पर ग्रहण दोष माना जाता है, जो कि सूर्य के शुभ प्रभाव को कम करते हैं, लेकिन इस बार तुला राशि में पहले से ही वक्री शुक्र और बुध मौजूद होने से सूर्य के शुभ प्रभाव में बढ़ोतरी होगी।
इस बार किसी भी अशुभ ग्रह की दृष्टि नीच राशि सूर्य पर नहीं है। सूर्य के तुला राशि में आने पर वृष, सिंह, धनु और मकर राशि के जातकों को एक माह तक सूर्य काफी शुभ फल देगा। उनके रुके हुए कार्य बनने लगेंगे।
आर्थिक संपन्नता आ सकती है, जिस राशि के जातकों के लिए नीच राशि सूर्य अशुभ है उन्हें सूर्य पूजा करनी चाहिए। गेहूं और गुड़ का दान करना चाहिए। सूर्य मंत्र ओम घृणी सूर्याय नमः का जाप करना चाहिए।
राशियों पर रहेगा अच्छा और बुरा प्रभाव, कइयों को मिल सकती है तरक्की तो कइयों काे करना पड़ेगा विवाद का सामना, कुछ राशि वालों को मिलेगी आर्थिक संपन्नता, सूर्य मंत्र का जप करें
मेष राशि वालों के लिए तुला राशि का सूर्य सप्तम भाव में भ्रमण करेगा। जीवन साथी से तनाव व रोजगार के लिए भी अशुभ रहेगा।
वृष राशि वालों के लिए तुला का सूर्य छठे भाव में होने के कारण शुभ फलदायी रहेगा।
मिथुन राशि वालों के लिए नीच राशि सूर्य पंचम भाव में होने के कारण परिजनों से तनाव व संतान पक्ष को कष्ट हो सकता है।
कर्क राशि वालों के लिए नीच राशि का सूर्य चतुर्थ भाव में होने से माता के लिए अशुभ रहेगा और मानसिक तनाव से परेशानी होगी, क्रोध बढ़ेगा, लेकिन सरकारी कार्यों से लाभ व व्यापार नौकरी के लिए शुभ रहेगा।
सिंह राशि वालों के लिए नीच राशि का सूर्य शुभ फलदायी रहेगा। आर्थिक लाभ मिलेगा।
कन्या राशि में नीच राशि सूर्य दूसरे भाव में होने से समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा। क्रोध, हानि व तनाव बना रह सकता है। व्यर्थ खर्च व भ्रमण रहेगा।
तुला राशि में नीच राशि सूर्य लग्न में होने से क्रोध बढ़ेगा। आर्थिक स्थिति ठीक व अपनों से तनाव बढ़ सकता है।
वृश्चिक राशि में नीच राशि का सूर्य बारहवें भाव में होने से व्यर्थ के खर्च और भ्रमण से मन परेशान रहेगा। विवादों से बचें। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा।
धनु राशि वालों के लिए नीच राशि सूर्य लाभ भाव में होने से लाभ की प्रबल संभावनाएं बनी रहेंगी।
मकर राशि में नीच राशि सूर्य दशम भाव में होने से व्यापार और नौकरी में लाभ देगा। कोई पद या सम्मान मिल सकता है।
कुंभ में नीच राशि सूर्य नवम भाव में होने से पिता के लिए शुभ नहीं है। अपनों से तनाव बढ़ेगा। दांपत्य जीवन में शांति बनाए रखें।
मीन राशि में तुला राशि का सूर्य आठवें भाव में भ्रमण करेगा जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ फलदायी नहीं है। शत्रु पक्ष हानि कर सकता है।
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